Monday, July 29, 2019

तुम लौट आना

तुम लौट आना 
जो यादें दिल में कैद हैं
वो पिगल रहे है , ओझल हो रहे है  
पिगलके मुझे किश्तों में ज़िन्दगी दे रहे  है 
इन  साँसों को बरकररा रखने 
नई  यादें बनाने आजाना 
कुछ लम्हों को अमर करने  आजाना 
मेरी यादें तुम्हारी राह देख रही हैं 
मेरी साँसे तुम्हारी राह देख रही है 
ढलता हुआ सूरज मेरी और देखके 
इशारों में कहता है, कल सुबह उसे लेके आऊंगा 
चाँद बादलों के बीचमें से झांकते हुए
 मेरे ऊपर रात बर नज़र रखता हैं 
हर सुबह पंछी खिड़की पे बैठके
मेरे कमरे में  तुम्हे ढूंढ़ता है 
मेघ गरजते है बरसते है
 मेरे सात सात रोते हैं
बिस्तर की सिलवटे भी तुम्हारी राह देख रही है 
 इस दिल को संभालने , समजाने आजाना 
 हम सब के लिए एक बार आजाना 
नई  यादें बनाने आजाना 
तुम्हारी राह देख रही हूँ 
जल्दी लौट आना 

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