Monday, July 29, 2019

ऐतबार रखो, कभी खुदा को भी अपना फ़र्ज़ निभाने दो !

जिनके दुआओं का कोई असर नहीं हुआ
उनके  बद्दुआओं का सच होने का डर कैसा

जिन्होंने  कभी तुमसे प्यार ही नहीं किया
उनके खफा होने का खौफ कैसा

मुक़द्दर तो किसी का गुलाम नहीं है
वक़्त के फैसले किसी के मोहताज नहीं हैं

डरो मत , कोई और नहीं , सिर्फ और सिर्फ
 तुम्हारे  कर्म ही तै करेंगे तुम्हारी तक़दीर


लोगों को खुश रखने के लिए अपनी अत्मा पे बोज न डालो
ऐतबार रखो, कभी  खुदा को भी अपना फ़र्ज़ निभाने दो !




No comments:

Post a Comment