Thursday, January 1, 2015

NEW YEARS EV



न ईद है ना दीवाली है
फिर भी खुशियों का माहोल है
इसे संजोग कहो या मुक़द्दर
हम तुम, तुम हम जब साथ हो
तो हर दिन त्योहार है
खुशियों को यूँ ही बाटते, बटोरते रहना
ये आलम बनाए रखन मेरे दोस्तों
ना जाने कब ज़िंदगी की शाम आएगी
और हम सबको जुदा कर देगी
तब इन्ही लम्हों के सहारे
हम जुड़े रहेंगे, बंदे रहेंगे
एक दूसरे के दिल में ज़िंदा रहेंगे
गीले शिखवे छोड़ो
बस चंद पल का सात है
तक़दीर से ज़्यादा और वक़्त से पहले
किसी को कुछ नही है मिलना
अपने नसीब का हमे है खाना
आओ मिलके यादे बनाते है
एक हसीन शाम सजाते है
नया साल मुबारक हो आप सबको
WISHING YOU A VERY BRIGHT 2015.

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