नाउम्मीद न हो मेरे दोस्त
ग़ैरों के खुशियों का मातम न मनाओ
खैरात में किसी को कुछ नहीं है मिलना
नसीब अपना अपना सबको है कमाना !
किसी के भी तक़दीर के खुदा
तुम बन नहीं सकते
हाँ , अपने आने वाले कल की रचना
आज के कर्मों से ज़रूर कर सकते
हकीकत से समजौता करलें
जो मिला है उसे मुक़द्दर मानले
क्या पता आज के लिए
यही सही हो तुम्हारे लिए
मन के चैन से बड़ा कोई तौफा नहीं
सबर से बड़ा कोई इम्तेहान नहीं
हार जीत तो बस धूप छाँव हैं
एक ही सिक्के के दो पहलूँ है
नाउम्मीद न हो मेरे दोस्त
किस्मत थो पल पल आज़माएगी
एक दिन ऐसा भी ज़रूर आएगा
जब वक़्त तुम्हे भी नवाजेगा
यहीं अंतिम सीख है ज़िन्दगी की
तक़दीर बदलते देर नहीं लगती
किस्मत तो बेवफा है
ये कभी किसी एक की
होके रह नहीं सकती
ग़ैरों के खुशियों का मातम न मनाओ
खैरात में किसी को कुछ नहीं है मिलना
नसीब अपना अपना सबको है कमाना !
किसी के भी तक़दीर के खुदा
तुम बन नहीं सकते
हाँ , अपने आने वाले कल की रचना
आज के कर्मों से ज़रूर कर सकते
हकीकत से समजौता करलें
जो मिला है उसे मुक़द्दर मानले
क्या पता आज के लिए
यही सही हो तुम्हारे लिए
मन के चैन से बड़ा कोई तौफा नहीं
सबर से बड़ा कोई इम्तेहान नहीं
हार जीत तो बस धूप छाँव हैं
एक ही सिक्के के दो पहलूँ है
नाउम्मीद न हो मेरे दोस्त
किस्मत थो पल पल आज़माएगी
एक दिन ऐसा भी ज़रूर आएगा
जब वक़्त तुम्हे भी नवाजेगा
यहीं अंतिम सीख है ज़िन्दगी की
तक़दीर बदलते देर नहीं लगती
किस्मत तो बेवफा है
ये कभी किसी एक की
होके रह नहीं सकती
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