यारों की यारी
दोस्तों की दिल्लगी
CANTEEN की मस्ती
थकने के बाद भी चुस्ती
बहोत याद आएंगे ये दिन
जब बिछड़ेंगे हम तुम
अनजान रास्तों में
मंज़िल की तलाश में
दुनिया को जीतने
कुछ ऐसा कर दिखाने
निकल पड़ना है हमे
हर ऊंचाई को छोटा करने
अपने लिए एक नया मकाम बनाने
गुरु जन का सर ऊँचा करने
एक मिसाल बनके छाने
निकल पड़ना है हमे
वादा मेरा है दोस्तों ये तुमसे
जब मिलेंगे हम तुम फिर किसी मोड पे
तुमको तुम्हारी दोस्ती पे फक्र हो
तराशूंगा , ऐसा मैं , अपने आप को
यारों की यारी
दोस्तों की दिल्लगी
CANTEEN की मस्ती
थकने के बाद भी चुस्ती
बहोत याद आएंगे ये दिन
जब बिछड़ेंगे हम तुम
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