एई तक़दीर लिखने वाले
मक़सूद क्या था जो
तूने मुझे बनाया
बेख़ता हूँ मैं यह
किस बात की है सज़ा
एई रहनूमा
नाकाम रही हर तलब मेरी
परदह कैसा यह नीयत पे तेरी
रहम के कबील समझो अगर तो
क़ुबूल कर लो दुआ ये मेरी
किस्सह मेरा ख़त्म ही कर दो
इस कॅफाज़ से रूह को मेरी आज़ाद कर दो
बेख़ता = faultless मक़सूद= inteention
कफज = BODY
तलब = SEARCH
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