Monday, November 25, 2013

एई तक़दीर लिखने वाले

एई तक़दीर लिखने वाले

मक़सूद क्या था जो 
तूने मुझे बनाया 

बेख़ता हूँ मैं यह
 किस बात की है सज़ा

 एई रहनूमा
 नाकाम रही हर तलब मेरी 
परदह कैसा यह नीयत पे तेरी

 रहम के कबील समझो अगर तो 
क़ुबूल कर लो दुआ ये मेरी

 किस्सह मेरा ख़त्म ही कर दो
 इस कॅफाज़ से रूह को मेरी आज़ाद कर दो 


बेख़ता = faultless मक़सूद= inteention

कफज = BODY 
तलब  = SEARCH 

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