Wednesday, February 5, 2020

तुम्हारे साथ ज़िंदगी चाहती हूँ

हाथो में लखीर बनके

तुम्हारी तक़दीर बनके

नींद में सपना बनके

दिल की धड़कन बनके



सांसो में खुश्बू बनके

तुमहरी सोच बनके

आँखों में चैन बनके

घम में आँसू बनके

अरमान बनके , ख्वाहिश बनके

एहसास बनके, उमीद बनके

रूह में समा जाना चाहती हूँ
तुम्हारे अंदर जीना चाहते हूँ
तुममे झलकना चाहती हूँ

अपने लिए एक पहचान चाहती हूँ

तुम्हारे साथ ज़िंदगी चाहती हूँ

No comments:

Post a Comment