Tuesday, April 19, 2016

न जाने क्यों खुदा ने मुझे इस काबिल समजा



न  जाने क्यों   खुदा ने मुझे इस काबिल  समजा
न जाने क्यों वो तुम बनके मेरे पास आए
न जाने क्यों अपने होने  का सबूत ,उन्हें मुझे  देना पड़ा
 शायद इसी  मेहरबानी के बहाने,  मेरा  कोई क़र्ज़ उतार रहे थे  ??


 कहीं ये कोई ख्वाब तो नहीं ,  मज़ाक  तो नहीं ?
 पर तुम सच हो तो , वो  सच है
तुम नहीं तो,  मेरे लिए वो बी नहीं

यकीन है मुझे की तुम , मेरे से ज्यादा उनकी ज़रुरत हो
अपने आप को साबित करने का उनका  एक जरिया हो !
ये एहसान तेरा बरकरार रखना मुझपे  खुदा
बाकि हर तेरा इम्तेहान और शर्त मंज़ूर है मुझे ,



















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