Tuesday, November 25, 2014

हार जीत

हार जीत 


जीत का मज़ा अलग ही होता होगा 
पर हार का सीख भी बुरा  नहीं होता 
दोस्तों तुम्हारी बूख थो मिट गयी 
पर हमारी सीख अभी भी जारी है 
गर ठकराएंगे  तुम हम फिर किसी मोड पे 
तुम बुज़ुर्ग और हम सिपाही कहलायेंगे 






चुनती है ये कूद से तुम्हारी




         हर  मंज़िल को  सीडी  बनाके ,
         नए ऊंचाई का निर्माण करो 
         हर अंत  के सीख से एक नए 
         आरम्ब  की बिनियाद बनाओ
         रुकना  तुम्हारा काम नहीं
         थकना   तुम्हारी  फितरत नहीं         
          जीत सामर्थ्य का सबूत नहीं 
          हार तो बस  चूका हुआ एक मौका है  
           नज़रे आसमान की तरफ 
          कदम ज़मीन पे 
          और  जूनून दुनिया जीतने की  
          चुनौती  है  ये कूद से तुम्हारी  
               अपना  परिचय हर दिन 
          एक नए सिरे से पाने की 
          जी  भरके   जीने की 
            जनम को साकार करने की 
           चुनती है  ये कूद से तुम्हारी