तुम टोपी पहन के सुबह सुबह बगीचा में बैठ के
सिसकी लेते हुए चाय पीते मुझे ही याद कर रहे होंगे
वो जो तुम्हारे मुँह से सफ़ेददुआं निकल रहा है
नरमी से मुझसे लिपट के कहता हैं , मई हूं तुम्हारे साथ
मानो ऐसे , जैसे हमारे बीच ये सात समुन्दर की दूरी हैं ही नहीं
तुम्हारे टोपी के नीचे जो बिखरे हुए बाल हैं
शायद हर सुबह मेरा इंतजार करते होंगे
मेरी उंगलियों की आदत सी जो हो गयी हैं उन्हें
जल्द लौटा दो मुझे मेरे वो पल
हर सुबह अखबार पड़ने से पहले
तुम्हारी चश्मा छुपाती थी
और बहुत दूर जा कड़ी होती
ताकि तुम बार बार मेरा नाम लो
तुम्हारी पुकार सुन सुन के
आहिस्ता आहिस्ता जिंदगी से मोहब्बत सा हो गया हैं
मेरे वो दिन लौटा दो प्लीज
गरम पानी मेरी बोतल में भर के,
मेरा सारा सामान मुझसे पहले मेरी गाडी में पोहोचते थे
इतना प्यार शायद किसीने कि सीसे नहीं किया हो
ये एहसास बार बार दिलाते थे
साथ में सब्ज़ी काटना चौंकना, मेज़ सासजाना ,
आखरी रोटी के २ टुकड़े करके खाना
कितने मस्त थे हम साथ साथ
एक आइसक्रीम का
चाकलेट हिस्सा मेरा, वैनिला तुम्हारी
जन्नत सा लगता था
अब तो फ्रिज भरी पड़ी हैं चोकोबर से मगर वो स्वाद ही न रहा
कब आएं गे फिर वो दिन,
कब हम दोनों सुबह और शाम एक साथ देखेंगे
मेरी wine और तुम्हारी चाय
तुम्हारी whiskey और मेरी coffee
क्या यूँ ही स्काइप पे चियर्स करते रहेंगे ?
जल्द लौट आना प्लीज
कई अरमान सजाये हैं मैं ने
तुम्हारे लौट आने पे ये करेंगे वो करेंगे
ऐसा करेंगे वैसा करेंगे
हर आहट पे ऐसा लगता हैं
जैसे तुम आने ही वाले हो
बस आ ही गए हो
अब भी जब ठंडी हवा बदन से चुके गुज़र रही है
न जाने क्यों ऐसे लग रहा है जैसेतुम्हारा दाहिना-हाथ पीछे से मेरे कंधे को दबाते हुए दिलासा दे रहा हैं
मै जल्द आ रहा हूं, बस थोड़ा और इंतजार करो, मई जल्द आ रहा हूं