Monday, December 17, 2018

न जाने क्यों खुदा ने मुझे इस काबिल समजा

न  जाने क्यों   खुदा ने मुझे इस काबिल  समजा

न जाने क्यों वो तुम बनके मेरे पास आए

न जाने क्यों अपने होने  का सबूत ,उन्हें मुझे  देना पड़ा

 शायद इसी  मेहरबानी के बहाने,  मेरा  कोई क़र्ज़ उतार रहे थे  ??



 कहीं ये कोई ख्वाब तो नहीं ,  मज़ाक  तो नहीं ?

 पर तुम सच हो तो , वो  सच है

तुम नहीं तो,  मेरे लिए वो बी नहीं


यकीन है मुझे की तुम , मेरे से ज्यादा उनकी ज़रुरत हो

अपने आप को साबित करने का उनका  एक जरिया हो !

ये एहसान तेरा बरकरार रखना मुझपे  खुदा

बाकि इसके बदले  तेरा हर  इम्तेहान और शर्त मंज़ूर है मुझे ,